नमस्कार दोस्तों hindidna.com मे आपका स्वागत है। आज हम Motivational Story in Hindi श्रेणी से एक प्रेरणादायक और सीख देने वाली कहानी प्रकाशित करने जा रहे हैं। इस कहानी को पढ़कर आपलोगों को जरूर प्रेरणा मिलेगी। तो चलिए शुरू करते हैं।
Motivational Story in Hindi – कैसे एक कुली का बेटा बना करोड़पति!
आपने ये कहाबत तो सुनी होगी “जहाँ चाह है वहाँ राह है”। ये कहाबत आज हम जिस इंसान के बारे मे बात करने वाले हैं, उन पर पूरी तरह से फिट बैठती है। गरीबी से लेकर सो से ज्यादा करोड़ की कंपनी खड़ा करने वाला इस इंसान का सफर काफी कठिन और दिलचस्प रहा।
हम बात कर रहे हैं केरल के एक छोटे से गाँव वनयाड़ मे जन्मे पी. सी. मुस्तफा (PC Mustafa) की जो अपनी सफलता से लाखों लोगों को जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरणा दे रहे हैं।
PC Mustafa का बचपन और पढ़ाई-
बचपन मे मुस्तफा के पिता काफी बगीचे मे माल ढोने का काम करते थे। मुस्तफा का मन बचपन मे पढ़ने लिखने को नहीं करता था, इसीलिए वो पढ़ाई से बचने के लिए अपने पिताजी की मदद किया करते थे। जब मुस्तफा कक्षा 6 मे थे तब उन्होंने पढ़ाई छोड़ देने का सोच रहे थे।
एक दिन स्कूल मे मुस्तफा गणित के कुछ सवाल का जवाब नहीं दे पाने पर शिक्षक ने उन्हे कहा की तुम अगर नहीं पढ़ोगे तो अपनी पिताजी की तरह जिंदगी जिओगे और अच्छे से पढ़ोगे तो आगे एक अच्छी जिंदगी खुद भी जियोगे और अपनी पिताजी की जिंदगी को भी बेहतर कर पाओगे।
शिक्षक की उन्ही बातों को मुस्तफा ने अपने मन मे ढाल दिया और आगे भी पूरी मेहनत से पढ़ाई जारी रखी। आगे जाकर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी किया और पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक कंपनी मे नौकरी भी किया।
मुस्तफा की मेहनत और लगन देखकर कंपनी ने उन्हे ब्रिटेन और बाद मे दुबई भेजा। लेकिन मुस्तफा के मन मे तो कुछ और ही चल रहा था। उन्होंने दुबई से वापस आ के MBA की पढ़ाई की। जब वे MBA की पढ़ाई कर रहे थे तब कभी कभी वो अपने भाई के दुकान जाया करते थे, जहाँ उनके भाई इडली और धोसा की बैटर (घोल) बेचा करते थे। दुकान से बहुत सारे लोग उस घोल के खरीदते थे क्योंकि घोल बना के इडली बनाने मे काफी समय लगता है।
मुस्तफा जब इतने सारे लोगों को घोल खरीदते देखा तो उन्हे बिजनेस आईडीया आया और पैक्ड फूड इंडस्ट्री मे अच्छी संभावना देखी।
PC Mustafa द्वारा बिजनेस की शुरुआत-
साल 2005 मे अपने आईडीया के तहत उन्होंने बिना केमिकल वाला घोल बेचना शुरू किया और इस काम मे अपने भाई का भी मदद लिया जो पहले से घोल बेच रहे थे। घोल बिना केमिकल की होने के कारण लोगों को काफी पसंद आने लगा और मुस्तफा का मार्केट दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ने लगी।
मुस्तफा द्वारा iD Fresh की शुरुआत-
2005 से 2008 तक बिना नाम के प्रोडक्ट बेचने के बाद उन्होंने 2008 मे एक जगह किराये पर ले के “ID Special Food Private Limited” नाम की कंपनी की स्थापना की और ब्रांड का नाम दिया “iD Fresh”.
शुरुआत मे मुस्तफा दिन मे 100-150 घोल का पैकेट बेचने मे कामयाब हो रहे थे और कुछ महीने के बाद उन्होंने 6 लाख का इनवेस्टमेंट करके कुछ ग्राइंडर मशीन लगाए। जिसके बाद उनका घोल बनाने की गति काफी बढ़ गया।
ग्राइंडर मशीन लगाने के दो साल बाद बाद यानि 2010 मे वो रोज 2000-2500 पैकेट बेच रहे थे। उनकी कंपनी की ग्रोथ देखकर लोगों ने उनके कंपनी मे इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया जिसके बाद कंपनी और तेज गति से बड़ी होने लगी।
आज उनकी कंपनी की स्थिति-
- आज के समय मे उनकी कंपनी रोज लगभग 50000 पैकेट बेच रही है।
- आज के समय मे उनकी कंपनी नी 1000 से भी ज्यादा लोग काम कर रहे हैं।
- घोल के अलवा आज उनकी कंपनी और भी बहुत सारे उत्पाद जैसे पराठे, चपाती, चटनी और अन्य कुछ उत्पाद भी बेच रही है।
- आज के समय उनकी कंपनी लगभग 8 शहर मे काम कर रही है।
- मुस्तफा का लक्ष कुछ सालों मे उनकी कंपनी का टर्नोवर 1000 करोड़ तक पहुँचाने की है और 30 शहरों मे उनके उत्पाद बेचने की है।
- भारत के अलावा उनकी कंपनी अब दुबई मे भी काम कर रही है।
ये थी पी सी मुस्तफा की और उनकी कंपनी का अब तक का सफर। एक गरीब परिबार से आने वाले मुस्तफा आज बिजनेस की फील्ड मे देश-विदेश मे बहुत ख्याति अर्जन कर रहे हैं। उनकी कहानी से देश विदेश के लाखों लोगों को प्रेरणा मिल रही है और जो लोग गरीबी का बहाना बना कर अपनी असफलता को ढँकने की कौशिस करते है, उनके लिए मुस्तफा एक जवाब हैं।
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दोस्तों ये थी Motivational story in Hindi श्रेणी से आज की Success Story. आशा करता हूँ आपलोगों को भी मुस्तफा से जीवन मे कुछ करने की प्रेरणा मिली होगी।
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