Akbar Birbal Stories in Hindi में उन खास अकबर बीरबल की कहानियों को शामिल किया जा रहा है। जिसे सुनकर हर उम्र के व्यक्ति अपनी जीवन मे सीख प्राप्त कर सकते हैं। यह Akbar Birbal Stories in Hindi Part में हर मुसीबत से जूझने का एक अलग नजरिया पेश किया गया है। जो काफी रोचक है। स्वागत है आपका इस कहानी संग्रह में।
हर शख्स के जीवन की शुरुआत किसी न किसी Hindi Kahani से होती है जो उनके माता पिता उन्हें सुनाते हैं। कहा जाता है कि बच्चे उस बात को जल्द समझ पाते हैं जो कहानी की भाषा मे कही जाती है। वही बचपन की Hindi Story को फिर से आपके समक्ष रखी जा रही है। अकबर और बीरबल यह Hindi Kahani के वे पात्र हैं जिनके नाम सुनकर मुख पर बड़ी सी मुस्कान आ जाती है।
Akbar Birbal stories in Hindi श्रेणी में हम आपको अकबर और बीरबल से संबंधित कुछ Hindi Story से रूबरू कराएंगे जो हसी के साथ कुछ महत्वपूर्ण सीख भी देंगे।
अगर आप अपने नन्हे बच्चों के लिए या खुद के बचपन के यादों में फिर से खो जाने के लिए ऐसी Hindi Kahani की खोज कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही वेबसाइट पर पहुंचे हैं।
इस कहानी संग्रह में आपको Funny Story in Hindi Akbar Birbal की मिलेगी और इसके साथ साथ कुछ Akbar Birbal Stories in Hindi with moral भी होंगी।
#1:- Akbar Birbal Stories in Hindi: अकबर बीरबल और बुरी लत
एक बार बादशाह अकबर अपने दरबार में मायूस अवस्था में बैठे थे। बीरबल भी उनकी यह अवस्था देखकर चिंतित थे। बादशाह अकबर किसी सोच में थे जो किसी दरबारियों को उनकी इस गहरे सोच में डूबने का कारण बिल्कुल भी मालूम न था।
बादशाह की चिंतित मुद्रा और उस व्यवस्था में आने का कारण जानने के लिए एक दरबारी ने पूछा:-“बादशाह! आप काफी समय से चिंतित मुद्रा में बैठे हैं। क्या हुआ?, दरबार में साझा कीजिए। इस पर बादशाह अपना निजी मामला कहकर टाल देते हैं।
बादशाह अगले दिन भी चिंतित ही बैठे होते हैं। परन्तु इस बार कोई दरबारी बादशाह अकबर से पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। लेकिन बीरबल उनसे इस हालात के बारे में पूछ ही लेते हैं।
वह पूछते हैं “महाराज!, आप इतने परेशान मुद्रा में क्यों है?” इस पर राजा कहते हैं कि “मेरे परेशान होने का कारण मेरा वंश सलीम है, शहजादे सलीम को अंगूठा चूसने की बेहद बुरी लत लग गई है।
सलीम अधिकांश समय अपने अंगूठे को चूसते रहते हैं, जब उन्हे समझाते हैं तो भी वे हमारी बात का पालन नहीं करते। काफी जिद्दी बच्चे हैं। इस पर एक दरबारी ने सुझाव के रूप में एक संत के बारे में बताया और कहा कि यह संत बाबा काफी प्रसिद्ध हैं इनके पास हर समस्या का हल है।
इन संत से मिलने के बाद हर व्यक्ति अपनी बुरी लत को त्याग देता है। यह सुनते ही महाराज ने उस दरबारी से संत को दरबार में पेश होने का आदेश दिया। संत महल में आए उनके बड़े बड़े केश एवं उन्होंने भगवा रंग के वस्त्र धारण किए हुए थे।
उनके हाथ मे एक चुने की डिबिया जिसे वे निरंतर खा रहे थे। संत को देख महाराज ने अपनी समस्या बताई और कहा मेरे बेटे सलीम को कृपया समझाएं। यह सुनकर संत ने कहा कि उसे कुछ हफ्ते चाहिए फिर वे इस समस्या को हल कर देंगे।
कुछ हफ्ते बाद जब संत ने फिर से महल में प्रवेश किया उन्होंने सलीम शहजादे से कुछ बातें की ओर सलीम मान गए और कभी न अंगूठा चूसने की कसम खाली। परन्तु इस पर महाराज क्रोधित होते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस समस्या का हल संत उस दिन भी कर सकते थे जिस वक्त वे पहली बार पहुंचे थे।
संत ने समय की बर्बादी करी है। संत को सजा देने का निर्णय किया गया। इस निर्णय में सब अकबर बादशाह से सहमत थे परन्तु बीरबल ने रोकते हुए कहा कि इसमें संत गलत नहीं बल्कि संत तो महान है उन्होंने कहा जब संत पहली बार समस्या जानने के लिए पधारे थे तब उनको भी गलत लत थी चुना खाने की। उन्होंने पहले अपनी आदत को सुधारा फिर यहाँ इस समस्या का निवारण करने के लिए आए।
#2 Funny Stories in Hindi: इंसान एक बोली अनेक
एक दिवस दरबार का कार्य पूर्ण होने के बाद अकबर और बीरबल आराम फरमाने बगीचे में टहलने निकल पड़े। तभी अचानक अकबर बादशाह के दिमाग में एक सवाल हिलोरें मारने लगा।
उन्होंने बीरबल से पूछा “बीरबल!, क्या कोई ऐसा शख्स है जो भिन्न भिन्न बोली बोलने में माहिर हो? यह सवाल सुनकर बीरबल ने हामी भर दी और कहा “जी महाराज!, मैं एक ऐसे ही शख्स को जानता हूँ।” बादशाह अकबर ने यह सुनकर बेहद प्रसन्न हुए और उस शख्स से मिलने की इच्छा जताई।
अगले दिन बीरबल एक शराबी को थोड़ी सी शराब पिलाकर दरबार में ले गए। बादशाह इसकी सजा न दे इसीलिए वह दरबार मे अकबर के सामने माफी मांगने लगा। बीरबल ने कहा यह देखिए बादशाह यह तोते की भाषा है। इसके बाद बीरबल ने उस शराबी को एक गिलास शराब होर पिला दिया।
अब शराबी सीना तानकर खड़ा हो गया और कहने लगा “होंगे आप इस राज्य के बादशाह लेकिन मेरी ताकत को भी कम मत आंकिए, मैं भी बादशाह हूँ।” इस पर बीरबल कहते हैं यह बोली शेर की है। इसके बाद बीरबल ने कुछ बोतल शराब शराबी को फिर पिला दिया।
अब शराबी नीचे जमीन पर लेट गया और अजीब सी आवाज निकलने लगा। यह बोली गधे की है। इस बात को कहने के बाद अकबर बीरबल दोनों काफी हसने लगे। बीरबल ने अकबर की इच्छा पूर्ण कर दी ऐसे व्यक्ति से मिलवा दिया जो तीन भिन्न भिन्न बोली बोलता हो।
#3 Akbar Birbal Story in Hindi:- महल सपनो का
एक रात जब बादशाह अकबर रात में नींद की अवस्था में थे उन्होंने सपने में एक सुंदर दृश्य को देखा जिसे पाने की या जिसे हकीकत में देखने की इच्छा उनमें उतपन्न हो गई।
बादशाह अकबर ने अपनी नींद तोड़ी और आनन फानन में दरबार में सभी को उपस्थित होने का आदेश दिया। उन्होंने दरबार में अपने सपने में देखे दृश्य को हूबहू संक्षेप में बताया। उन्होंने सपने में एक विशाल महल को देखा था।
वह महल अलग अलग रंगों के पत्थर से निर्मित हुआ था। उन पत्थरों के रंग की रोशनी इतनी अधिक थी कि महल में रोशनी करने के लिए दीपक और मशाल की कोई जरूरत नहीं थी। जब चाहो उस महल में उजाला हो जाएगा और जब चाहो तब अंधेरा।
बादशाह अकबर अब वही सपने वाला महल को हकीकत में बनवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पूरे राज्य में यह घोषित कर दिया को जो भी उनके सपने के महल को बनाएगा उसे इनाम में एक लाख सोने की सिक्के उपहार स्वरूप भेंट किया जाएगा।
इस बात का फायदा उठाते हुए कई लोगों ने दरबार के कई धन को लूट लिया। तभी एक बुजुर्ग रोता हुआ दरबार पहुंचा और कहने लगा कि “महाराज!, आपने मुझे लूट लिया।
इस पर महाराज होकर पूछते हैं कि “हमने कब ऐसे किया।” इस पर बुजुर्ग व्यक्ति कहता है कि मैंने सपने में देखा कि आप अपने सैनिकों के साथ मेरे घर पहुंचे और मेरी मेहनत की कमाई पर कब्जा कर लिया।” अकबर इस बात पर कहते हैं कि “तुम मूर्ख हो क्या?, बिन पैर के सपने कभी सच होते हैं।
यह बात सुनकर बुजुर्ग कहता है “बिल्कुल ठीक कहा महाराज आपने, बिन पैर के सपने कभी सच नहीं होते। यह बात बुजुर्ग अपनी मूंछे को निकालते हुए कहते हैं। यह बुजुर्ग कोई अन्य नहीं बल्कि स्वंय बीरबल ही होते हैं।
#4 Akbar Birbal Short Story: बिना छुए बनाओ लाइन छोटी
अकबर और बीरबल बगीचे में टहलने को निकले थे। तभी अकबर ने अपनी तलवार से मिट्टी पर एक लाइन बनाई। बीरबल के समक्ष यह लक्ष्य रखा गया कि मिट्टी में बनाई गई लाइन को बिना स्पर्श किए छोटी करनी है।
बीरबल ने कुछ समय लिया और बादशाह से उनकी तलवार मांगी। बीरबल ने तलवार से अकबर की बनाई हुई लाइन के सामने एक बड़ी लाइन बना दी जिसके कारण अकबर की बनाई हुई लाइन छोटी हो गई।
#5 Akbar Birbal Hindi Story:- मेरी मातृभाषा क्या?, पहचानिए।
एक बार बादशाह अकबर के भरे दरबार में एक मेहमान ने प्रवेश किया। यह मेहमान राज्य में अजनबी था। उसने बादशाह अकबर के समक्ष अपना हुनर दिखाने की पेशकश की।
बादशाह के हामी भरने के बाद उस व्यक्ति ने अपने अलग अलग भाषा मे बोलने का हुनर दरबार में मौजूद सभी को दिखाकर हैरत में डाल दिया। अपने इस हुनर को दिखाने के लिए दरबार में भिन्न भिन्न राज्य से मौजूद व्यक्तियों ने अपनी मातृभाषा में उस व्यक्ति से बातचीत करी।
जिसका उतर उस व्यक्ति ने उन्ही के भाषा में दिया। इससे प्रसन्न होकर बादशाह ने उस व्यक्ति से उसकी इच्छा पूरी करने का फैसला किया और कहा बताओ तुम्हें इनाम में क्या चाहिए? इस पर वह व्यक्ति कहता है कि आप मुझे अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लीजिए। मैं बहुत बेहतर सेवा प्रदान करूंगा।
इसके बाद उस व्यक्ति ने बादशाह से कहा कि बादशाह!, मेरा आपके दरबार में मौजूद सभी मंत्रियों से एक प्रशन है, मैंने यहाँ मौजूद हर राज्य से आए लोगों से भिन्न भिन्न उनकी भाषा में बात करी, क्या यहाँ कोई मौजूद है जो मेरी मातृभाषा बता सके? यह प्रशन सुनकर सभी परेशान हो जाते हैं क्योंकि उन्हें इसका उत्तर मालूम नहीं होता।
इसका उपहास उड़ाते हुए वह व्यक्ति कहता है कि शायद उसने यह गलत सुन लिया कि बादशाह अकबर के राज्य में दिमागी लोग रहते हैं। यह बात सुनकर बादशाह अकबर का सर शर्म से नीचे झुक गया। अब उनकी आस मात्र बीरबल पर ही थी।
बीरबल ने इस प्रशन का उत्तर देने का वादा अगले दिन दरबार में देने को कहा। उस व्यक्ति को आराम करने के लिए कहा गया। रात को बीरबल ने एक काला कंबल अपने शरीर पर लपेटा और वहाँ पहुंच गए जहाँ वह व्यक्ति आराम कर रहा था।
काले रंग के कंबल के कारण वह व्यक्ति को बीरबल भूत लगा। वह व्यक्ति डर के कारण अपनी मातृभाषा ओड़िया बोलने लगा। उसी वक्त बीरबल ने इस कक्ष में उजाला कर दिया और अपने शरीर से काला कंबल हटाकर उस व्यक्ति से कहा “अच्छा! तो तुम्हारी मातृभाषा उड़िया है।
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