बच्चे मन के सच्चे होते हैं, यह कहावत जन्म के वक्त से परवान चढ़ी हुई है। इसी कहावत को सत्य के पैमाने पर खड़ा रखने हेतु परिवार के बड़े बुजुर्ग लोग Hindi Moral Stories for Kids को पाठ्य सन्देश देते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से Hindi DNA भी हमारे देश के बच्चों के लिए Hindi Moral Stories for Kids के कुछ चुनिंदा कथाओं को ठेले में भर कर लाए हैं। जिनमें बच्चों के लिए असीम ज्ञान की परिभाषा बताई गई है।
Hindi Moral Stories for Kids में कथाओं को बेहद सरलता से पेशकश करने की कोशिश की गई है। उम्मीद है आपको यह कोशिश पसंद आए। यह कहानी पंचतंत्र में से ली गई है ताकि हम अपने छोटे पाठकों को अपने बचपन के वक्त पर ले जाएं जब हमारे दादी हमें कहानियां सुनाती थी। तभी इन Hindi Moral Stories for Kids की कहानियों को “दादी की कहानियां” भी कहा जाता है।
Hindi Moral Stories for Kids #1 लघु पंचतंत्र कथा:- मित्रता का फर्ज
संसार में मित्रता का रिश्ता बेहद अनमोल उपहार होता है। माता पिता के बाद मित्र ही एक व्यक्ति को दिल से समझ पाता है। ऐसी ही मित्रता एक वन में चिड़िया और चींटी की हुई। यूँ तो चींटी को चिड़िया खा जाती है परन्तु इसके बावजूद जंगल में इनकी सच्ची मित्रता का गुणगान किया जाता था।
एक दोपहर एक चींटी समुंदर से जल का सेवन कर रही थी तभी अचानक से उसका पैर फिसल गया और वे गहरे बहते पानी मे बहने लगी। उसके आस पास कोई नहीं था। जिससे वे किसी से कहकर अपनी जान बचा सके। वे अपने झुंड से भी अलग हो चुकी थी।
उसी वक्त एक चिड़िया समंदर के समीप विशाल वृक्ष की टहनी पर भोजन की तलाश में पहुंची। उस चिड़िया की नजर समंदर में बहते चींटी पर गई। चिड़िया ने बिना ज्यादा सोचे जल्दी ही पेड़ का एक पत्ता अपने चोंच में लिया और चींटी के सामने जा कर रख दिया।
चींटी उस पत्ते के सहारे समंदर से बाहर आ गई। इस तरह चींटी और चिड़िया की दोस्ती हुई। चींटी उसे धन्यवाद करने के लिए उसे पेड़ पर रेंगते रेंगते चढ़ गई। चींटी ने उसे कहा “जब भी मेरी जरूरत हो तो मुझे याद कर लेना, मैं तुम्हारी हर मदद करूंगी, अब से हम दोस्त हैं।” इस पर चिड़िया मुस्कान बिखेरते हुए कहती है “जरूर दोस्त।” यह दोनों की दोस्त्ति के शुरुआती दौर था।
कुछ समय बाद चींटी अपना भोजन लिए अपने बिल के ओर निकल रही थी। वे जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी उसको किसी पैर के भारीपन की आवाज महसूस हो रही थी। वे चींटी आगे बढ़ कर देखती है कि उसके नजरों के आगे एक शिकारी खड़ा था।
उस शिकारी के हाथों में चिड़ियों को मारने वाली बंदूक मौजूद थी, वह उस बंदूक के माध्यम से एक चिड़िया पर निशान साधा हुआ था। चींटी को ज्ञात हुआ कि वह चिड़िया कोई अन्य नहीं उसी की मित्र है।
चींटी अपने गति में जल्द से शिकारी के पांव के सामने पहुंचा और पांव में जोर से काट दिया। इससे यह हुआ कि उस शिकार का ध्यान भंग हो गया और बंदूक से निकली गोली कहीं दूसरी जगह चली गई। इस गोली से चिड़िया सतर्क हो गई और वहाँ से उड़ गई।
बच्चों इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जो दोस्त बुरे वक्त में साथ देता है वह ही सच्ची मित्रता होती है।
#2 Hindi Kahani:- बातों से ही बनती है बात
पेड़ हर मानव वर्ग के लिए किसी जीवन प्रदान करने वाली दवाओं से कम नहीं। यह हमें जीवन देने हेतु काफी बहुमूल्य चीजों को प्रदान करती है। एक घने जंगल में चार से पांच बड़े लंबे वृक्ष मौजूद थे। यह सब पेड़ सेब के थे।
एक दोपहर और शाम के बीच के समय में एक तितली आई वहाँ मौजूद पेड़ो में से एक पेड़ पर अंडा देकर चली गई। समय बीतता चला गया वह अंडा अब फूट चुका था। उसमें से एक बेहद ही सुंदर कैटरपिलर ने जन्म लिया। कैटरपिलर ने देखा उन सभी पेड़ो में उसके अलावा कई अन्य कैटरपिलर भी मौजूद है।
वह अकेला नहीं था। उसे बेहद भोजन की इच्छा हुई। उसकी यह इच्छा पेड़ो ने पूरी कर दी जिस पर सेब टंगे हुए थे। वह दिन भर सेब और पत्ते खाता फिर रात होने के साथ ही एक साफ पत्ता लेकर सो जाता। कुछ दिन तो ऐसे ही उसकी और बाकी कैटरपिलर की दिनचर्या रही।
लेकिन एक रात जब वह खाना खाने के बाद सो रहा था तब उसकी कानों में एक अजीब सी आवाज ने दस्तक दी। जो हर कुछ मिनटों के बाद तेज हो रही थी। सभी कैटरपिलर जागे हुए थे। उस आवाज का माध्यम किसी को नहीं पता चल रहा था।
कैटरपिलर ने एक युक्ति सोची उन्होंने अपना घर अर्थात अपना पेड़ बदल लिया अब वह दूसरे पेड़ पर अपना बसेरा जमाने चले गए। रात हुई और फिर से सभी कैटरपिलर थककर सोने की कोशिश करने लगे। झपकी लगी ही थी कि फिर से उस शोर ने आंखे खोली।
मालूम हुआ कि यह आवाज अर्थवर्म के खर्राटों की आवाज है। सभी कैटरपिलर तंग आ चुके थे। सभी ने रात में मिलकर एक जरूरी मीटिंग का आयोजन किया। सभी कैटरपिलर ने अपने अपने समझ के मुताबिक अपनी राय रखी। कुछ ने अपनी जगह बदलने को कहा तो कुछ ने भिन्न भिन्न राय दिए।
इस पर एक कैटरपिलर सभी को पत्तो से ध्वनि यंत्र बनाने का सुझाव साझा करता है। सभी उसकी योजना को स्वीकार करते हैं और हर कैटरपिलर रात को पत्तो से बने ध्वनि यंत्र लाते हैं और जैसे ही वह असहनीय आवाज उनके कानों में आती है, वे सब कैटरपिलर मिलकर ध्वनि यंत्रों को जोर से बजाते हैं।
इससे अर्थवर्म नींद से जाग उठते हैं। अब वह आवाज नहीं आ रही होती। सभी कैटरपिलर फिर से सोने चले जाते हैं। लेकिन कुछ ही देर बाद फिर से वही परेशान करने वाली आवाज आ जाती। कैटरपिलर फिर से वही युक्ति आजमाते। अर्थवर्म इस बार भी उठ गए। इस बार उन्होंने कैटरपिलर से बातचीत करने का फ़ैसला किया। सभी अर्थवर्म एकजुट होकर कैटरपिलर के पास पहुंचे।
अर्थवर्म:- “नमस्ते मित्रों, तुम हमें सोने क्यों नहीं दे रहे, क्यो परेशान कर रहे हो?”
कैटरपिलर:- “नमस्ते!, हम तुम्हें तंग नहीं कर रहे बल्कि तुम हमें कर रहे हो परेशान, तुम्हारी रात को डरावनी आवाज सोने नहीं देती।”
अर्थवर्म: “अगर तुम्हें इतनी ही परेशानी है तो तुम्हें अपना स्थान बदलना था।”
कैटरपिलर:- “हमने अपना स्थान बदला ही था, परन्तु उसके पश्चात भी तुम्हारी आवाज ने हमेशा हमें दिक्कत में डाल दिया, तुम अपनी आवाज बंद नहीं रख सकते, सभी खुश रहेंगे।”
अर्थवर्म:- ” हम नहीं कर सकते क्योंकि यह हमें प्रकार्तिक देन हैं।”
कैटरपिलर:- ” ओह्ह!,माफ करना हमें मालूम नहीं था हमें लगा हम कर सकते हैं तो तुम भी कर सकते होंगे।”
अर्थवर्म:- “चलिए, कोई बात नहीं अगर हमारे आवाज सोने नहीं देती, तो हम अपना नया स्थान ढूंढ लेते हैं।
यह कहकर ही सभी अर्थवर्म अपना स्थान बदल लेते हैं।
सारांश:- जीवन में मुश्किलें चाहे कितनी भरी हुई हो, हर समस्या का हल बातचीत में छिपा हुआ होता है। लेकिन शर्त यह है कि दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के पर्याप्त मात्रा में समय मिले।
#3 Moral Stories for Kids:- लालची चिड़िया
एक वन के एक पेड़ पर बेहद जरूरी टॉपिक पर डिस्कशन चल रहा था। यह सभा चिड़ियों की थी। इस सभा में चिड़िया का राजा भी मौजूद था। सभा का विषय था भोजन की तलाश। यह सभी चिड़िया काफी दिनों से परिश्रम के बावजूद इनके पाले में सही मात्रा में भोजन की प्राप्ति नहीं हो रही थी।
कभी मात्र एक दो दानों से ही संतुष्टि करनी पड़ती तो कभी तो मात्र जल ग्रहण करना ही नसीब होता। सभी राजा से आज्ञा मिलने के बाद अलग अलग उड़ गए ताकि जिसे भी भोजन मिले, वह राजा को बताएगा जिसके बाद सभी चिड़िया एक दूसरे के साथ उस भोजन को साझा करके खा सकें।
उनमें से एक चिड़िया उड़ते उड़ते शहर के मार्ग पर जा पहुंची। यहां उसकी नजर एक घोड़ा गाड़ी पर गई जिसमें पीछे बड़े अनाज की बोरियां लेकर शहर जाई जा रही थी। उन बोरियों में से कुछ दाने सड़क पर गिर चुके थे। उस चिड़िया को यह देखकर लालच हुआ उसने वह दाने बिल बताए खाने का विचार किया।
उसमें लालच ने जन्म ले लिया था। उसने फैसला किया कि वह किसी को भी इस जगह के बारे में नहीं बताएगा। वे वह गिरे हुए दाने खाने लगा। इसके कारण उसे वापस जाने में वक्त लग गया। सभा फिर से बैठी हुई थी, राजा ने सभी से पूछा कि कहीं किसी को भोजन की प्राप्ति मिली।
सभी ने ‘न’ में जवाब दिया। यह सवाल के जवाब में उस चिड़िया ने भी ‘न’ में जवाब दिया जिसे भोजन की प्राप्ति हो चुकी थी। राजा उस चिड़िया से:- “राजू तुम्हें देर कहाँ हो गई इतनी?” राजू(लालची चिड़िया):- ” मैं भोजन की तलाश में घूम रहा था, तभी मेरी नजर एक रास्ते पे गई जहाँ मुझे भोजन तो मिला, परन्तु उस रास्ते में हाथियों और अन्य जानवरों की भीड़ के कारण वह जगह सुरक्षित नहीं।”
यह सुनकर राजा कहता है कि “बिल्कुल ठीक, वह रास्ता बेहद कठिन है, वहाँ जाना सुरक्षित नहीं, वहां भोजन खोजने कोई नहीं जाएगा।” सभी चिड़िया ने राजा की बात मान ली। राजू खुश था अब वह अकेला सब दाना खाएगा।
अगले दिन राजू उसी जगह पहुंच गया। वह दाना खाने लगा। उसे दूर से घोड़े की दौड़ने की आवाज आ रही थी। उसने पहले तो सोचा कि अब उसे उड़ जाना चाहिए, लेकिन लालच ने उसे उड़ने न दिया, उसने सोचा थोड़ा सा खा लेता हूँ फिर उड़ जाऊंगा। लेकिन वह गाड़ी इतनी रफ्तार में थी कि राजू को उड़ने का मौका ही न मिला और वह गाड़ी के नीचे आकर मर गई।
सीख:- जब जीवन में कोई अनुभवी व्यक्ति किसी कार्य को करने को मना करता है तो उसकी बात पर ध्यान अवश्य देना चाहिए। लालच बुरी बला है।
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अतः हमें उम्मीद है आपको Hindi Moral Stories for Kids काफी मनोरंजक और प्रेरणादायक लगी होंगी। ऐसे ही अन्य दादी माँ की कथाओं को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए हमसे रिश्ता रखें। यह Hindi Moral Stories for Kids यूँ तो खास मात्र नन्हे पाठकों के लिए है परन्तु हम मानते हैं कि हर मनुष्य के भीतर एक बच्चा छिपा हुआ है। यह कहानी उन बच्चों के नाम भी है।
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धन्यवाद