Hours
Minutes
Seconds

10000 से भी ज्यादा कहानियों और किताबों को सुनना शुरू करें!

Inspirational story in Hindi – Google संस्थापक लैरी पेज की प्रेरणादायक कहानी

क्या आप कभी सोचे हैं ये जो कहानी अभी आप पढ़ रहे है वो कैसे संभव हो पा रही है? कैसे हम एक कंप्युटर या मोबाईल पर दुनियाँ भर की चीजें देख या पढ़ पा रहे हैं?दोस्तों आज हम Inspirational story in Hindi से जिस इंसान के बारे मे बात करने वाले हैं ये सब उसी के कारण आज संभब हो पा रहा है। उसने पूरी दुनियाँ को समेट कर रख दिया है। आज हम घर बैठे दुनियाँ मे हो रही किसी भी चीज को देख सकते हैं।

Inspirational story in Hindi

दुनियाँ मे इंटरनेट पर करोड़ों पेज से लोग कुछ न कुछ देख रहे हैं और इत्तफाक से जिस ब्यक्ति के कारण ये सब मुमकिन हो पा रहा है उस ब्यक्ति का नाम भी लैरी पेज है। तो चलिए लैरी की कहानी विस्तार से जानते हैं।

Inspirational story in Hindi – लैरी पेज का बचपन

लैरी पेज का जन्म अमेरिका के मिशिगन में 26 मार्च 1973 को हुआ था। उनके माता पिता कंप्यूटर एक्सपर्ट्स थे। उनके माता पिता कंप्युटर एक्सपर्ट्स होने के कारण लैरी को भी कंप्युटर का खास शौक था और हमेशा वो कंप्युटर मे ही लगे रहते थे।

लैरी के माता पिता ने उन्हे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढाई के लिये दाखिला दिलाया था जो की एक ऐतिहासिक फैसला साबित हुआ क्योंकि उसी यूनिवर्सिटी में रहते ही उन्होंने अपने बचपन के दोस्त सर्गी ब्रिन के साथ गूगल की निव राखी थी।

Start of Google By Larry Page – लैरी पेज द्वारा गूगल की स्थापना

1995 मे जब लैरी अपने दोस्त सर्गी ब्रिन के साथ स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी मे पी एच डी की एक रिसर्च पेपर पर काम कर रहे थे तभी उन्हे सर्च इंजन का ख्याल आया। दोनों ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया और 1996 मे उन्होंने एक सर्च इंजन बना डाला जिसका नाम BackRub दिया था।

शुरुआती दिनों मे BlackRub को वे काफी छोटे स्तर पर चला रहे थे और उसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के सर्वर से चला रहे थे। फिर कुछ महीने बाद उन्होंने उसे बिस्तार करने का निर्णय लिया, जिसके तहत उन्होंने 1998 को BlackRub का नाम बदलकर Google रख दिया और उसे कंपनी का रूप दे दिया।

यानि हम कह सकते हैं की गूगल का नीव 1996 को पड़ी थी और गूगल का जन्म 1998 को हुआ था। कंपनी अब पटरी पर सरपट दौड़ रही थी और 2001 में एरिक श्मिट को कंपनी का पहला CEO पद पर नियुक्त किया गया और पेज, उत्पाद और ब्रिन, प्रौद्योगिकी के अध्यक्ष बने।

Journey of Google – गूगल का सफर

# 2004 में गूगल ने ऑरकुट नाम की एक सोशल नेटवर्किंग नाम की साईट भी शुरू की और साथ ही गूगल डेस्कटॉप सर्च की भी शुरुवात की।

# 2005 मे गूगल ने गूगल मैप्स, ब्लॉगर मोबाइल, गूगल रीडर और आईगूगल रिलीज़ किये।

# 2006 मे गूगल ने यूटयूब को भी खरीद लिया और जीमेल में चाट नाम का फीचर भी शामिल कर दिया।

# 2011 में लैरी पेज गूगल के नए सीईओ नियुक्त किये गए और पूर्व सीईओ एरिक श्मिट कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाये गए।

# 2015 मे गूगल Alphabet Inc. को अपनी पेरन्ट कंपनी के रूप मे स्थापित करती है और सुंदर पिचाई को लैरी पेज के स्थान पर गूगल का CEO बनाया जाता है।

# 2019 मे सुंदर पिचाई को Alphabet Inc.का CEO बनाया जाता है।

गूगल ने इसके बीच भी बहुत सारे उत्पाद को बाजार मे उतारा है और आगे भी गूगल artificial Intelligence पर काम कर रहा है।

गूगल आज जहाँ भी है और गूगल आने वाले दिनों मे भी जो कुछ करेगा इसके पीछे लैरी पेज का हाथ है और लैरी पेज को गूगल और पूरी दुनियाँ हमेशा याद रखेगी।

इन्हें भी जरूर पढ़ें:

दोस्तों ये थी लैरी पेज की प्रेरणा देने वाली Inspirational story in Hindi आशा करता हूँ आपको इस Larry Page Biography in Hindi लेख से कुछ जानने और सीखने को मिला होगा। लेख कैसी लगी हमे नीचे
कमेन्ट करके जरूर बताएं।

अपनों के साथ जरूर साझा करें:

Facebook
WhatsApp
Twitter
Telegram
Pinterest
Tumblr
Email
Hindi DNA

Hindi DNA

हिन्दी डीएनए आपकी ज्ञान को बढ़ाने के लिए है।

All Posts