Prem Kahani कइयों के भीतर प्रेम जगा देता है। कहानियां हमारे जीवन को संपन्न बनाने का पूरा कार्य अपने कंधे पर संभालती है। कहानियां इतिहास की हो वर्तमान की हो अथवा हमारे भविष्य की।
इतिहास में राधा कृष्ण की Prem Kahani हो या रोमियो जूलिएट की कहानी। हर कहानी हमसे कुछ कहती है। कुछ समझाना चाहती है, प्यार का असल शाब्दिक अर्थ बताना चाहती है। इसी का काम हमारी यह Prem Kahani करेगी। उम्मीद है आपको पसंद आए।
इस Prem Kahani को आरंभ करने से पहले आपसे एक सवाल पूछना चाहते हैं:- एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से किस तर्ज पर प्यार करता है। अर्थात प्यार में क्या जरूरी है? धड़कता दिल या बाहरी सुंदरता।
Prem Kahani: मोहब्बत की दस्तक
रोहन
हर इंसान की कुछ छोटी सी इच्छा होती है। यही इच्छा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को बनाने में सहायता करती है। रोहन की भी जीवन मे कुछ इच्छाएं थी हालांकि यह इच्छाएं कुछ ज्यादा नहीं थी वही कुछ मामूली इच्छाओं की पूर्ति ही वह चाहता था।
जैसे कि एक अच्छी जॉब, घर का पालन करने हेतु हाथ में आती बेहतर सैलरी एवं घर में खुशी के लिए एक ग्रह लक्ष्मी। रोहन के पास जिंदगी में सब कुछ था उसकी इच्छाओं की लिस्ट में आधे से ज्यादा इच्छाओं की पूर्ति हो चुकी थी।
वह एक कंपनी में एकाउंट्स मैनेजर के स्थान पर कार्यरत था। अच्छी सैलरी का पैकेज भी। कंपनी और कॉलोनी में उसकी अच्छी इमेज थी। लेकिन फिर भी रोहन काफी चिंतित रहता था इसका कारण था उसकी माता पिता की बीमारी।
वह चाहता था कि उसकी जल्द शादी हो जाए। लेकिन उसकी शादी न होने का सबसे बड़ा कारण उसका बढ़ा हुआ पेट था। कोई भी लड़की उसमें अपना पति नहीं खोज पाती थी। रोहन के मम्मी पापा पंडितों में बहुत मानते थे।
उन्हें शादी न होने में अपने बेटे रोहन के बढ़े हुए पेट को दोषी नहीं मानते थे बल्कि उन्हें रोहन की कुंडली में दोष लगता था। रोहन काफी पढ़ा लिखा हुआ था जिसके कारण वे इन कुंडली दिखाने में विश्वास नहीं रखता था और वे पहले भी अपने पेरेंट्स को मना कर चुका था।
लेकिन इस बार जब माता पिता ने कहा तो रोहन मान गया कुंडली के लिए, लेकिन उसने यह शर्त रखी कि वे खुद नहीं जाएगा क्योंकि उसकी सोच अभी भी उसे इन अंधविश्वास को मानने की आज्ञा नही दे रही थी।
अगले दिन रोहन के माता पिता सवेरे जल्दी उठ जाते हैं और रोहन के जागने से पहले स्नान कर पंडित के पास जन्म पत्री लिए पहुंच जाते हैं। यह पंडित स्वंय को बेहद ज्ञानी बताते हैं जिस प्रशन का जवाब किसी के पास उपलब्ध नहीं होता उसे भी हल करने का दावा करते हैं। बड़ी बडी फ़ोटो अखबार में छपती है इनकी।
जैसे ही रोहन के माता पिता रोहन की जन्म पत्री पंडित के सामने रखते हैं तो रोहन की जन्म पत्री देख पंडित बताता है कि रोहन की कुंडली में मांगलिक दोष है अर्थात उसकी शादी जिससे भी होगी वे लड़की कुछ ही दिनों में मृत्यु को प्राप्त हो जाएगी। उसके बाद ही इसका मांगलिक दोष खत्म होगा।
रोहन के माता पिता यह सुनकर घबरा जाते हैं वह यह सब बातें रोहन को नहीं बता सकते थे क्योंकि रोहन यह सब सुनकर गुस्सा हो जाता क्योंकि वे यह सब बातों पर विश्वास नहीं रखता था। रोहन को अगर कुछ भी पता चलता तो वह किसी की भी जान मुश्किल में डालने से अच्छा शादी को ही मना कर देता।
लेकिन हर माता पिता की तरह रोहन के माता पिता की भी रोहन की शादी करवाने की इच्छा थी। उनकी तलाश खत्म एक पास ले गांव में जाकर हुई उस लड़की का नाम प्राची था। प्राची से शादी करवाने का मकसद सिर्फ रोहन के मांगलिक दोष को मिटाना था।
प्राची
प्राची शहर के वातावरण से दूर एक गांव की बोली सी लड़की थी। कुछ साल पहले तक गांव में हर जगह इसी के चर्चे होते थे। वह हर फील्ड में बेहद उत्तीर्ण थी चाहे वह खेल हो या पढ़ाई।
परन्तु उसी के कुछ महीने बाद उसकी खूबसूरती और उतीर्ण की आदत से उससे जलन वाले लोग उसके चेहरे पर एसिड अटैक करके चले गए। उसकी मदद को कोई नहीं बचा, उसने कोर्ट से भी सहायता मांगी परन्तु उसके माता पिता इतने सक्षम नहीं थे कि वकीलों की फीस बढ़ सके।
शुरुआत में तो उसके माता पिता ने उसे न्याय दिलवाने में पूर्ण सहायता करी परन्तु जीवन में ऐसे पढाव भी आते हैं जब हर तरफ मात्र अंधेरे के कुछ नहीं दिखाई देता। अब प्राची अपने माता पिता पर कुछ हद तक खुद को बोझ समझने लगी थी।
प्राची की दो छोटी बहनों की भी शादी हो चुकी थी लेकिन प्राची की शादी नहीं हो पा रही थी। कोई भी लड़का अगर प्राची की पुरानी फ़ोटो देखकर एक बार प्राची का हाथ मांगने आ भी जाता तो उसका असली जल हुआ रूप देखकर उल्टे पाँव लौट जाता।
प्राची के बारे में रोहन के माता पिता को किसी परिचित से पता चला। रोहन के माता पिता बिना देर किए प्राची के घर पहुंचे। प्राची से मिलने से पूर्व ही रोहन के पेरेंट्स ने पंडित को सब बातें रख दी जिसे प्राची ने छुप कर सुन लिया था।
शुरू में तो प्राची के माता पिता ने इसका विरोध किया परन्तु जब रोहन के माता पिता ने उन्हें पैसे देने को कहा तो प्राची के माता पिता अपनी आर्थिक स्थिति देख उनकी बात मान जाते हैं।
वह कहते हैं न कि ‘गरीबी बेहद घातक होती है चंद पैसों में यह ईमान बिकवा देती है।’
शादी
रोहन के माता पिता घर पहुंचते ही आनन फानन में रोहन की शादी जल्द शुरुआत करवा देते हैं। रोहन कई बार कहता है उसे लड़की से मिलना है या उसकी फोटो देखने की जिद करता है परन्तु हर बार उसकी माता पिता कोई न कोई बहाना मारकर मना कर देते हैं और कहते हैं कि “तू हम पर भरोसा कर, तेरे मम्मी पापा वर्ल्ड की बेस्ट बहु ढूंढ कर लाए हैं।” रोहन की शादी बेहद जल्दी हो जाती है इसमें रस्में रिवाज नहीं निभाई जाती मात्र कोर्ट मैरिज ही होती है जिसमें न ही ज्यादा गेस्ट को आमंत्रित किया जाता।
कोर्ट से घर पहुंचने में समय लगता है, रात भी बेहद हो जाती है। रोहन शेरवानी पहने और प्राची घूंघट ओढ़े दोनों घर पर दाखिल होते हैं। रोहन घर पहुंचते ही अपने टाइट कपड़े बदलने बाथरूम चले जाते हैं।
जैसे ही वह बाथरूम से आता है प्राची कमरे को देख रही होती है। रोहन का कमरा बेहद बड़ा होता है। इसमें हाथ से बनाई हुई पेंटिंग एवं बड़ा टीवी एवं एक बड़ा सा शीशा होता जिसमें उसकी तस्वीर दिख रही होती है। जैसे ही रोहन कमरे में प्राची के पीछे खड़ा होता है, प्राची घबराकर अपना घूंघट नीचे कर देती है जो उसने कुछ देर पहले ही हटाया था।
रोहन ने प्राची से कहा “घबराओ मत!, मैं जानता हूँ की तुम्हारा शरीर जला हुआ है।” प्राची इस पर हैरान हो जाती है। इस पर रोहन उसके पूछने से पहले ही बता देता है कि उसने कोर्ट में ही पता चल गया था। रोहन प्राची से आराम करने को कहता है और खुद एक तकिया लेकर सोफे पर लेट जाता है।
इस पर प्राची कहती है कि “इतना अच्छा क्यों बन रहे हो आप, मेरे कुछ ही दिनों में मौत हो जाएगी।” यह सुनकर रोहन चौंक जाता है। रोहन प्राची से इस बारे में पूछता है तो वह बताती है कि रोहन की कुंडली में मांगलिक दोष है।
रोहन यह सब जानकर अपने माता पिता के पास पहुंचता है और गुस्से में कहता है कि उसे अंधविश्वास में क्यों डाला।
रोहन उदासी स्थिति में अपने कमरे पहुंचता है, जहाँ प्राची भी मौजूद होती है। रोहन प्राची से अपने माता पिता के किए पर माफी मांगता है और साथ ही उससे यह कहता है कि “प्राची मुझे माफ़ करदो, मेरे माता पिता ने जो किया वह अंधविश्वास में किया, मैं तुम्हे यकीन दिलाता हूँ तुम्हे कुछ नहीं होगा, हो सके तो इसमें में भी मुझे माफ़ करना मैं तुम्हें कभी एक पति के रूप में प्यार नहीं दे पाऊंगा।” प्राची रोहन के हालत को देखते हुए उसे कहती है कि “गलती तुम्हारी या तुम्हारे माता पिता की नहीं बल्कि मेरे जीवन की है, मेरे इस शक्ल की है।”
रोहन और प्राची अब एक दूसरे के अच्छे दोस्त बनकर एक साथ रहने लगते हैं। रोहन अब कमरे में नहीं सोफे पर ही सोता है। प्राची बिन बोले रोहन की पसंदीदा डिश बनाती है। समय जैसे जैसे बढ़ता रहता है दोनों की दोस्ती भी प्रेम के कई सफर तय करने लगती है। परन्तु दुनिया के सामने रोहन अपने प्रेम को दोस्ती का ही नाम देता है।
एक दिन जब रोहन अपने आफिस में होता है तो प्राची का उसे फोन आता है। प्राची उससे कहती है कि वे शॉपिंग करने मार्किट पहुंची है तो कुछ देर बाद रोहन उसे लेने आ जाए। तकरीबन आधे घंटे बाद रोहन को प्राची का कॉल फिर से आता है परन्तु रोहन इस वक्त काफी व्यस्त होता है जिससे वह कॉल को नहीं उठा पाता।
फिरकुच देर बाद जब फिर से कॉल आता है तो वह उठाता है। वह जैसे ही कोई अनजानी आवाज को सुनता है तो वह घबराता हुआ जल्दी अपनी कार के तरफ भागता है और कार से ‘सिटी हॉस्पिटल’ पहुंचता है।
वहाँ पता चलता है कि प्राची का एक्सीडेंट हुआ है। प्राची की हालत काफी नाजुक बनी होती है। उसे अपने माता पिता के पंडित की बातें याद आने लगती है। हालांकि वह इन सब मे मानता नहीं था परन्तु डर हर अंधविश्वास में भी विश्वास करवा देता है। वह बेहद घबराया हुआ होता है।
वह आपरेशन रूम के बाहर खड़ा हुआ होता है तभी डॉक्टर आकर उसे कहते हैं कि “प्राची बिल्कुल ठीक है सिर्फ खून ज्यादा निकल गया था इसीलिए बेहोश हो गई थी, आप उससे मिल सकते हैं।”
रोहन प्राची के पास जाकर अपने प्रेम का इजहार करता है। वहाँ मौजूद सभी के आंखों में आंसू होते हैं।
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