नमस्कार दोस्तों hindidna.com मे आपका स्वागत है। आज हम kid stories in Hindi श्रेणी से एक मजेदार और काफी प्रचलित कहानी प्रकाशित करने जा रहे हैं। कहानी का नाम है हंस के आगे मेंढक की नासमझी। तो चलिए शुरू करते हैं।
kid stories in Hindi – हंस के आगे मेंढक की नासमझी
एक बार एक हंस नदी से कुछ मछलियाँ खा कर नदी के किनारे तरफ आता है। हंस काफी थक गया था जिसके कारण वो एक कुएं के पास आ के बैठ जाता है। कुएं के अंदर एक मेंढक हंस को देख के पूछता है – यहाँ क्या कर रहे हो और तुम कहाँ से आये हो? – हंस जवाब देता है मैं नदी मे रहता हूँ, बहुत सारे मछली खा के थोड़ा थक गया हूँ एसिलिए यहाँ आ के थोड़ा विश्राम कर रहा हूँ।
फिर मेंढक हंस से पूछता है – तुम्हारा नदी कितना बड़ा है? हंस बोलता है बहुत बड़ा!
फिर मेंढक थोड़ा आगे हो के पूछता है – इतना बड़ा? हंस बोलत है नहीं इससे भी बड़ा!
फिर मेंढक कुएं के अंदर पूरा घूमकर पूछता है – इतना बड़ा क्या? हंस हस के बोलता है इससे बहुत बड़ा है नदी।
फिर मेंढक हंस का मजाक उड़ा के बोलता है भाई तुम किसी और को बेवकूफ बनाना। दुनियाँ मे कुएं से बड़ा कोई और जगह नहीं है। मैं जिस जगह मे रहता हूँ वो ही दुनियाँ है और मैं इस दुनियाँ का राजा हूँ।
मेंढक की इन सब बातों को सुन कर हंस मन ही मन हसते हुए सोचता है, इस कुएं के मेंढक से बहस करके कोई फायदा नहीं। इससे अच्छा मैं कहीं और जा के विश्राम कर लूँ।
फिर हंस वहाँ से चला जाता है और कहीं और जा के विश्राम करने लगता है।
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Moral of the Story: इस कहानी से हमे ये सीखने को मिलता है की जो बात लोगों के समझ मे नहीं आता है, वो बात अक्सर लोग हस के उड़ा देते हैं और एक चीज सीखने को मिलता है की नासमझ लोगों के साथ हमे बहस नहीं करना चाहिये।
दोस्तों ये थी kid stories in Hindi श्रेणी से आज की Moral story for Kids. आशा करता हूँ आपलोगों को कुछ सीखने को मिला होगा।
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